Friday, 24 June 2016
Monday, 20 June 2016
Sunday, 19 June 2016
Saturday, 18 June 2016
Friday, 17 June 2016
सीधी बात पूज्य महाराज श्री से - 22 June 2016
आप जुड़े सीधे महाराज श्री के साथ
'फेसबुक पेज' Devkinandan Thakur Ji
के माध्यम से
आप अपने सभी सनातन और हिन्दू धर्म से जुड़े सभी प्रश्नों के उत्तर महाराज से जाने
22 June 2016 सायं 4 बजे से
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- मैसेज मैं अपना नाम और शहर का नाम और अपना संपर्क/ मोबाइल नंबर अवस्य भेजे ।
Thursday, 16 June 2016
निर्जला एकादशी व्रत
निर्जला एकादशी के दिन दान-पुण्य और गंगा स्नान का विशेष महत्त्व होता है । अगर व्यक्ति एकादशी को सूर्य उदय से लेकर द्वादशी के सूर्य उदय तक जल ग्रहण न करे तो उसे सारी एकदहियों का फल प्राप्त होता है। द्वादशी को सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान आदि करके ब्राह्मणों को दान आदि देना चाहिए। इसके पश्चात् भूखे और सत्पात्र ब्राह्मण को भोजन कराकर फिर आप भोजन कर लेना चाहिए। इसका फल पुरे एक वर्ष की सम्पूर्ण एकादशियों के बराबर होता है।
व्यास जी कहते हैं हे भीमसेन यह मुझको स्वयं भगवान् ने बताया है। इस एकादशी का पुण्य समस्त तीर्थों व दानो से अधिक है। केवल एक दिन मनुष्य निर्जला रहने से पापों से मुक्त हो जाता है। जो व्यक्ति निर्जला एकादशी का व्रत करते हैं उन्हें मृत्यु के समय यम के दूत आकर नहीं घेरते बल्कि उन्हें भगवान् के पार्षद पुष्पक विमान में बैठाकर स्वर्ग ले जाते हैं। अतः संसार में सबसे श्रेष्ठ निर्जला एकादशी का व्रत है।
॥ राधे - राधे ॥ बोलना पड़ेगा - और प्रेम से बोलना पड़ेगा
Wednesday, 15 June 2016
Tuesday, 14 June 2016
श्री प्रियाकांतजू भगवान जी के आज के दर्शन
श्री प्रियाकांतजू भगवान जी के आज के दर्शन
(14-06-2016)
राधे राधे..बोलना पड़ेगा
जिस ने प्रियाकांतजू भगवान के दर्शन नहीं किये
उसने कुछ नहीं किया....राधे राधे...
जिस ने प्रियाकांतजू भगवान के दर्शन नहीं किये
उसने कुछ नहीं किया....राधे राधे...
Monday, 13 June 2016
Sunday, 12 June 2016
Thursday, 9 June 2016
Aashirvachan
वृन्दावन धरा पर आकर मन अविभूत -शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी
सांई पूजा सनातन धर्म के खिलाफ गहरी साजिश, प्रियाकान्तजू मंदिर आरती में लिया भाग
वृन्दावन वह पवित्र भूमि है जहाँ से सम्पूर्ण विश्व को सनातन धर्म के संदेश प्रसारित होते हैं । यहाँ हमारे महापुरूषों, हरिभक्तों, कथाकारों ने सनातन धर्म की रक्षा की है । मुगलकाल में मुगल शासक पूरे शासनकाल में दिल्ली से आगरा आता-जाता रहा लेकिन मध्य में पड़ने वाली वृन्दावन की पवित्रभूमि पर उसका प्रवेश नहीं हो सका, यह योगेश्वर श्रीकृष्ण एवं संतो के भक्ति धर्म का प्रभाव ही था। आज इस पावन धरा पर आकर मन अविभूत है । उक्त विचार द्वाराकाशारदापीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज ने शांति सेवा धाम पर व्यक्त किये । वह पूज्य महाराज श्री के आमंत्रण पर श्रीधाम वृन्दावन पधारे हैं । उनके सम्मान में आयोजित एक आयोजन में वृन्दावन के सभी संतसमाज एवं गणमान्य व्यक्तियों ने माल्यापर्ण किया तथा सनातन धर्म पर हो रहे अतिक्रमण पर शंकराचार्यपीठ के विचार जाने ।
शंकराचार्य स्वरूपानन्द सरस्वती जी ने साईं पूजा से लेकर राधास्वामी, ब्रहमकुमारी आदि पर चलाये जा रहे नये पंथों पर जमकर कटाक्ष किया । उन्होने कहा कि सांई के नाम पर हमारे सनातन धर्म के बारे में दुष्प्रचार किया जा रहा है । हमारे श्लोकों को खराब किया जा रहा है । हम राम से पहले सीता का नाम लेते हैं वहीं साईंराम की नयी प्रथा चलायी जा रही है । सांई जन्म और कर्म दोनों से मुसलमान है फिर भी आस्था की नगरियों में भी सांई मंदिर बनाये जा रहे हैं यह सनातन धर्म के खिलाफ गहरी साजिश है ।
विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने कहा कि बड़े भाग्य से विद्वतसंतों के दर्शन होते हैं । शंकराचार्य पीठ सनातन धर्म को दिशा देने का कार्य करती हैं । प्रत्येक सनातनी का कर्तव्य है कि वह इन दिशा-निदेर्शो का पालन करें ।
कार्यक्रम के मध्य पूज्य शंकराचार्य एवं अन्य संतजन श्रीप्रियाकान्तजू मंदिर में आरती मे सम्मिलित हुये । इससे पूर्व महाराज श्री एवं वृन्दावन के संतसमाज ने एक साथ 11 फिट की माला से माल्यापर्ण कर शंकराचार्य जी का स्वागत किया । कार्यक्रम में श्यामसुन्दर पाराशर जी, फूलडोल महाराज जी, अमृतानंद महाराज जी ने अपने विचार व्यक्त किये । इस अवसर पर रामदेवानंद जी , नवलगिरि जी , राजेश पाण्डेय जी , स्वामी आदित्यानंद जी , सत्यानंद जी , सेवानंदर ब्रहमचारी, मनोजमोहन शास्त्री जी , अशोक शास्त्री जी , बनवारी लाल शर्मा जी , रविशंकर पारासर जी , जगदीश चन्द्र जी , विपिन बापू जी , वृन्दावन नगरपालिका चेयरमेन मुकेश गोतम जी , श्याम सुन्दर शर्मा जी , रवि रावत जी आदि उपस्थित थे । विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के सचिव श्री विजय शर्मा जी ने आभार व्यक्त किया ।
Live video Jun 8, 2016 7:46:13 PM
परम पूज्यपाद अनंत श्री विभूषित
जगद्गुरु श्री शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज के द्वारा
प्रियाकान्त जू की आरती प्रियाकान्त जू मन्दिर शान्ति सेवा धाम से लाइव प्रसारण ।
Wednesday, 8 June 2016
Tuesday, 7 June 2016
Monday, 6 June 2016
Thakur Ji Vandna
Thakur Ji Vandna
He ishwar
sab sukhi ho, Koi na ho dukhari
Sab ho nirog
bhagwan, Dhan daan ke bhandari
Sab bhadrbhav dhekhoo, Satmarg ke pathik ho
Dhukiya na
koi howe, Srishti me prandhari
Sukhi base sansaar sab, dukhiya rahe na koy
Yeh
abhilaasha hum sab ki, Bhagwan puri hoy
Vidhya buddhi tej bal, sab ke bheetar hoy
Doodh poot
dhan dhaany, Se vanchit rahe na koi
Apki bhakti prem sa, Man hove bhar poor
Raag dwesh
se chit mera koson bhagey door
Miley bharosa aap ka, Hame sada jagdish
Aasha tera
naam ki bani rah imam ieesh
Paap sa hume bhachaiya, Karke daya dayal
Apna bhakt
banaike, Hum sab ko karo nihal
Dil main daya udaarta, Man main prem apaar
Hirdya mein
dheeraj, deenta he mera kartar
Haath jord binti karoon, Suniya kripa nidhaan
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----------Radhe Radhe Bolna Padega----------
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यह अभिलाषा हम सब की , भगवन पूरी होय ।।
विद्या बुध्दि तेज बल सबके भीतर होय ।
दूध पूत धन-धान्य से वंचित रहे न कोय ।।१।।
आपकी भक्ति प्रेम से मन होवे भरपूर ।
राग-द्वेष से चित्त मेरा कोसों भागे दूर ।।२।।
मिले भरोसा आपका, हमें सदा जगदीश ।
आशा तेरे धाम की, बनी रहे मम ईश ।।३।।
हमें बचाओ पाप से , करके दया दयाल ।
अपना भक्त बनाय कर, हमको करो निहाल ।।४।।
दिल में दया उदारता मन में प्रेम अपार ।
धैर्य हृदय में धीरता, सबको दो करतार ।।५।।
नारायण तुम आप हो, कर्मफल देनेहार ।
हमको बुध्दि दीजिए, सुखों के भंडार ।।६।।
हाथ जोड़ विनती करूं सुनिए कृपा निधान ।
साधु-संगत सुख दीजिए, दया नम्रता दान ।।७।।
Sunday, 5 June 2016
Friday, 3 June 2016
Wednesday, 1 June 2016
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