Thursday 9 June 2016

Aashirvachan



वृन्दावन धरा पर आकर मन अविभूत -शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी
सांई पूजा सनातन धर्म के खिलाफ गहरी साजिश, प्रियाकान्तजू मंदिर आरती में लिया भाग

वृन्दावन वह पवित्र भूमि है जहाँ से सम्पूर्ण विश्व को सनातन धर्म के संदेश प्रसारित होते हैं । यहाँ हमारे महापुरूषों, हरिभक्तों, कथाकारों ने सनातन धर्म की रक्षा की है । मुगलकाल में मुगल शासक पूरे शासनकाल में दिल्ली से आगरा आता-जाता रहा लेकिन मध्य में पड़ने वाली वृन्दावन की पवित्रभूमि पर उसका प्रवेश नहीं हो सका, यह योगेश्वर श्रीकृष्ण एवं संतो के भक्ति धर्म का प्रभाव ही था। आज इस पावन धरा पर आकर मन अविभूत है । उक्त विचार द्वाराकाशारदापीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज ने शांति सेवा धाम पर व्यक्त किये । वह पूज्य महाराज श्री के आमंत्रण पर श्रीधाम वृन्दावन पधारे हैं । उनके सम्मान में आयोजित एक आयोजन में वृन्दावन के सभी संतसमाज एवं गणमान्य व्यक्तियों ने माल्यापर्ण किया तथा सनातन धर्म पर हो रहे अतिक्रमण पर शंकराचार्यपीठ के विचार जाने ।

शंकराचार्य स्वरूपानन्द सरस्वती जी ने साईं पूजा से लेकर राधास्वामी, ब्रहमकुमारी आदि पर चलाये जा रहे नये पंथों पर जमकर कटाक्ष किया । उन्होने कहा कि सांई के नाम पर हमारे सनातन धर्म के बारे में दुष्प्रचार किया जा रहा है । हमारे श्लोकों को खराब किया जा रहा है । हम राम से पहले सीता का नाम लेते हैं वहीं साईंराम की नयी प्रथा चलायी जा रही है । सांई जन्म और कर्म दोनों से मुसलमान है फिर भी आस्था की नगरियों में भी सांई मंदिर बनाये जा रहे हैं यह सनातन धर्म के खिलाफ गहरी साजिश है ।

विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने कहा कि बड़े भाग्य से विद्वतसंतों के दर्शन होते हैं । शंकराचार्य पीठ सनातन धर्म को दिशा देने का कार्य करती हैं । प्रत्येक सनातनी का कर्तव्य है कि वह इन दिशा-निदेर्शो का पालन करें ।

कार्यक्रम के मध्य पूज्य शंकराचार्य एवं अन्य संतजन श्रीप्रियाकान्तजू मंदिर में आरती मे सम्मिलित हुये । इससे पूर्व महाराज श्री एवं वृन्दावन के संतसमाज ने एक साथ 11 फिट की माला से माल्यापर्ण कर शंकराचार्य जी का स्वागत किया । कार्यक्रम में श्यामसुन्दर पाराशर जी, फूलडोल महाराज जी, अमृतानंद महाराज जी ने अपने विचार व्यक्त किये । इस अवसर पर रामदेवानंद जी , नवलगिरि जी , राजेश पाण्डेय जी , स्वामी आदित्यानंद जी , सत्यानंद जी , सेवानंदर ब्रहमचारी, मनोजमोहन शास्त्री जी , अशोक शास्त्री जी , बनवारी लाल शर्मा जी , रविशंकर पारासर जी , जगदीश चन्द्र जी , विपिन बापू जी , वृन्दावन नगरपालिका चेयरमेन मुकेश गोतम जी , श्याम सुन्दर शर्मा जी , रवि रावत जी आदि उपस्थित थे । विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के सचिव श्री विजय शर्मा जी ने आभार व्यक्त किया ।

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